जल का चतुराई से दुरुपयोग ।
जल ही जीवन है इसका निर्माण कुदरत ने इंसान के जीवन यापन अथवा जिंदगी को बेहतर बनाने व वातावरण को शुद्ध एवम निर्मल बनाने के लिए किया गया है । लेकिन ईश्वर के ही द्वारा बनाए गए कुछ चुनिंदा इंसानों ने इसे धंधा बना लिया है । खुदा ने बनाया था इंसान को एक दूजे के काम आने के लिए जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए जीवन को एक साथ चलाने के लिए आज जल को नही जिंदगी को बोतल में भरकर बेचा जा रहा है इसका अंजाम न जाने किस जहान में और इसका हिसाब प्रभु श्री राम अपने आप करेंगे फिर हम किस मूंह से जिंदाबाद हिंदुस्तान करेंगे बूंद बूंद कीमती है एक बीज बोने के लिए पानी बहुत ताकतवर है आंसू बनकर निकल ही आता है रोने के लिए ।
राहुल कुमार शुक्ला पत्रकार
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